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लाहौर में साईं मियां मीर फाउंडेशन ने विश्व शांति के लिए कांफ़्रेंस करवाई

लाहौर में साईं मियां मीर फाउंडेशन ने विश्व शांति के लिए कांफ़्रेंस करवाई
  • PublishedJanuary 21, 2020

समाजसेवीं डा.एसपी सिंह ओबराय ने विशेष अतिथि के तौर पर की शिरकत

गुरदासपुर 21 जनवरी ।  हज़रत साईं मियां मीर दरबार लाहौर के संचालक और साईं मियां मीर जी के वंश के वारिस साई सईद अली रज़ा गिलानी कादरी के विशेष प्रयासों के चलते लाहौर में पिछले दिनों विश्व शांति के लिए एक विशेष कांफ़्रेंस करवाई गई। जिस दौरान जहां अलग-अलग पीर-पैगंबरों और साईयों के वंश के सदस्यों, गद्दीनशीनों, अलग -अलग यूनिवर्सिटियों के वाइस चांसलरों और विश्व शांति के लिए सहृदय यत्न करने वाली दूसरे महान शख़्सियतें शामिल हुईं। वहीं समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने के अपने अलग अंदाज़ के कारण पूरी दुनिया में  प्रसिद्ध दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और समाजसेवक डा. एसपी सिंह ओबराय ने भी विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की। 

विश्व में शांति का संदेश पहुंचाने के मकसद के साथ करवाई गई इस विशेष कांफ़्रेंस दौरान बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि हम सबको विश्व शांति के लिए एक आदर्श लेकर चलना होगा और यह आदर्श है हिंसा और अराजकता रहित समाज का निर्माण। उन्होंने कहा कि सभी धर्म समूचे विश्व की भलाई के लिए प्रयास करने पर ज़ोर देते हैं, इसलिए हमें आपसी वैर विरोध ख़त्म कर पूरे विश्व में शांति का संदेश लेकर जाना चाहिए। कांफ़्रेंस दौरान मुख्य वक्ताओं ने डा.एसपी सिंह ओबराय का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि उनकी शमूलियत से हमें सब को फख्र महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि खुद के लिए तो सब सोचते हैं, परंतु सही अर्थों में डा.ओबराय असली मनुष्य हैं, जो बिना किसी भेदभाव के हर मज़हब के लोगों के दुख दर्द को महसूस करते हुए पूरी दुनिया में बिना किसी स्वार्थ के अपनी नेक कमाई में से अनेक ही सेवा कार्य कर रहे हैं। जिसकी वजह से पूरी दुनिया अंदर में प्यार और शांति का पसार हो रहा है। इस कांफ़्रेंस दौरान जहां डा. ओबराय को विशेष तौर पर सम्मानित भी किया गया, वहीं डा. ओबराय को पिछले दिनों फ्रांस की राजधानी पैरिस में हुए 12 वें विश्व साईंटिफिक सम्मेलन दौरान “परोपकारी ऑफ द ईअर ” की घोषणा करते हुए उनको “मैडल ऑफ़ पैरिस और “मैडल फॉर पीसज् से सम्मानित होने पर मुबारकबाद भी दी।

डा. ओबराय ने कहा कि हर मनुष्य को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे किसी का दिल दुखे। उन्होंने कहा हर सच्चा सिख हमेशा ‘सरबत दा भला’ मांगता है और उसकी परम पिता परमात्मा आगे यही अरदास होती है कि समूचे विश्व को सुख शांति बख्शे। उन्होंने कहा कि यदि हर एक मनुष्य की सोच ‘सरबत दा भला ‘मांगने वाली हो जाए तो इस धरती पर नफ़रत, ईर्ष्या के लिए कोई जगह नहीं बचेगी और हर तरफ़ सुख और ख़ुशहाली ही नज़र आएगी। इस कांफ्रेंस में उपरोक्त के अलावा पीर कामर सुलतान कादरी गद्दीनशीन हज़रत सुल्तान बाहू जंग, दीवान अजमत हुसैन मोहम्मद गद्दीनशीन दरबार बाबा फ़रीद उल दीन गंज शाकर, पीर अख्तर रसूल कादरी खलीफ़ा दरबार साईं मियां मीर जी कादरी, पीर सईद मासूम नकवी प्रधान जमात-ए-उलमा पाकिस्तान, अलमा हुसैन अकबर सरप्रस्त मनहाज़ उल हुसैन, फ़रीद पराचा सरप्रस्त जमात पाकिस्तान, मौलाना रागीब नाईमी जामिया नाईमी लाहौर, पीर मासूम मासूमी नाकशबंदी आदि समेत 200 के करीब प्रमुख शख्सियतें मौजूद थीं। 

Written By
The Punjab Wire